Wednesday 7 May 2014

गीत जैसे


गीत जैसे गीत जैसे…ssss-2
गीत जैसे गीत जैसे...-2
गीत जैसे हरे भरे खेत में किसान रे ,
गीत जैसे गूंगी धरती की हो जुबान रे ,
गीत जैसे गीत जैसे

गीत जैसे गीत जैसे...

गीत जैसे चाक को घुमाए है कुम्हार रे ,
गीत जैसे आँखों में हो जिंदगी का प्यार रे ,
जिंदगी सफर गीत पांव की है जान रे ,
गीत जैसे ..

गीत जैसे मन में बसा हो कोई सपना ,
गीत जैसे घर हो किसी का कोई अपना ,
गीत जैसे हँसता हो कोई इंसान रे,
गीत जैसे ..

गीत जैसे दुःख को चुराए कोई चोर रे,
गीत जैसे माँ की ममता का कोई छोर रे ,
माथे से पसीने की उडाए थकान रे ,
गीत जैसे ...
bs
गीत जैसे बच्चा मांगे दुनिया की खुशियां ,
गीत जैसे काटे नहीं कटती हो रतियाँ ,
गीत जैसे बेटी हुई घर में जवान रे ,
गीत जैसे ..

गीत जैसे दिया जल जाए ठीक रात में ,
गीत जैसे आग लग जाए किसी बात में ,
गीत जैसे गरजे हो देखो आसमान रे ,
गीत जैसे........

No comments:

Post a Comment