Thursday 6 February 2014

झारखण्ड मुक्ति वाहिनी का संविधान


आंतरिक औपनिवेशिक शोषण की समापित, स्वाबलम्बन व स्वशासन पर आधारित समतामूलक समाज और सांस्कृतिक नवजागरण के लिए समर्पित संगठन, जिसका संघर्ष, उसका नेतृत्व और हासिये पर खड़े समूहों की सहभगीता के साथ शांतिमयता के मूल मंत्र पर सक्रिय संगठन, मौजूदा संसदीय लोकतंत्र को सहभगी लोकतंत्र बनाने की दिशा में चलते हुए विकेंदि्रत शासन प्रणाली की स्थापना, ग्रामसभा को नाभिकीय इकार्इ बनाना एवं जन सत्ता के केन्द्रों को विकसित करना जिसका प्रमुख लक्ष्य.
संगठन का उददेश्य
- झारखण्डी जनता का झारखण्ड के संसाधनों पर नियंत्रण
- आदिवासी-मूलवासी, सदान और अल्पसंख्यकों की एकता पर आधारित झारखंडी संस्कृति की सुरक्षा
- झारखंड से सटे समीपवर्ती राज्यों के आदिवासीबहुल इलाकों को मिला कर संपूर्ण झारखंड का निर्माण
- कृषि एवं ग्रामोन्मुख विकास नीति
- झारखंडी भाषा का विकास, झारखंडी भाषा को राजकीय भाषा का दर्जा दिलाना
- निजी धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए हर तरह के धर्मान्तरण के अभियान का विरोध एवं झारखंडियों के प्रकृति पूजन धर्म को मिटाने की साजिश का विरोध, साथ ही उसे राजकीय मान्यता दिलाना
- डायन प्रथा, ओझा गुणी जैसे अंधविशवास एव ंदहेज, बहुविवाह व शराबखोरी जैसी कुरीतियों का पुरजोर विरोध
संगठन का ढांचा
- राज्य स्तरीय केंद्रीय समिति
- एक प्रधान
- उप समितियों के प्रधान
- टोला, पंचायत, प्रखंड एवं जिला स्तर पर कमेटी
- सभी नीतिगत फैसले केंद्रीय समिति करेगी
पदाधिकारियों का चयन
 - समितियों का कार्यकाल दो वर्ष का होगा
- वार्षिक अधिवेशन में कमेटियों से लोगों को हटाया या जोड़ा जा सकता है
- लोकतांत्रिक प्रक्रिया लनमत से पदाधिकारियों का चयन
- पदाधिकारियों के चयन में संगठन के संदस्य भाग लेंगे
       भिन्न राजनीतिक दल और संगठन के सदस्य संगठन के पदाधिकारी नहीं हो सकते, संगठन का पदाधिकारी बनाने के लिए एक झारखंडी भाषा का ज्ञान जरूरी है।
सदस्यता के लिए शर्तें
- हर वह व्यकित जो संगठन के मूल सिदधांत पर विश्वास करता है, वह संगठन का सदस्य बन सकता है।
- संगठन को नियमित समय दे, अपनी आय का एक हिस्सा दे और संगठन के कार्यक्रमों में भाग ले।
- मानव मात्र की समता में विश्वास करता हो।
- स्त्री का सम्मान करता हो और स्त्री उत्पीड़न जैसे दुगर्ुणों से मुक्त हो।
- डायन, ओझा गुणी, बहुविवाह, शराबखोरी का विरोध हो।
झंडा
- संगठन का एक झंडा होगा।
- झंडा का आधार रंग हरा होगा।
- झंडे के मध्य में जल, जंगल, जमीन का प्रतीक चिन्ह और लहराते हाथ नीले रंग से उकेरे जायेंगे।
झारखण्ड दिवस
- संगठन झारखंडी जनता के संघर्षपूर्ण इतिहास के आदिविद्रोही तिलका मांझी के शहादत दिवस को झारखंड दिवस के रूप में मनायेगी।
वार्षिक अधिवेशन
- प्रत्येक वर्ष संगठन दो दिनों का अधिवेशन आयोजित करेगी जिसमें पिछले वर्ष के कार्यकलापों की समीक्षा, प्रधान के द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन और अगले वर्ष की कार्य योजनाओं पर चर्चा होगी।
- वार्षिक अधिवेशन में ही प्रधान या प्रधान द्वारा नियुक्त व्यकित संगठन के आय व्यय का ब्योरा देगा।

संशोधन 9-10 अप्रैल 2008, मितान जुमिद
- पंच प्रधान होगा जिसमें एक संयोजक होगा।
- केंदि्रय समिति का सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगी।
- केप्शन झारखंडी शकित के नवजागरण, आंतरिक औपनिवेशिक शोषण से झारखंड की मुकित और झारखंड के नवनिर्माण के लिए समर्पित संगठन होगी
- भिन्न विचारधारा राजनीतिक दल और संगठन के सदस्य वाला वाक्यांश हटा देना चाहिए।
- पदाधिकारियों को एक मूल भाषा सिखनाजानना होगा।
- संगठन का नाम झारखंड मुकित वाहिनी होगा।
- झारखंड क्षेत्र में असंगठित मजदूर वर्ग के साथ एकता कायम कर परिवर्तन के संघर्ष को विकसित करना
- पदाधिकारियों को वापस बुलाने का अधिकार केंदिय समिति को होगा। सम्मेलन, अधिवेशन या आपातकाल बैठक बुलाकर उसका सदस्यता खत्म किया जा सकता है।


No comments:

Post a Comment