Friday, 7 September 2012

रिपोर्ट



      देश में शिक्षा का स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है और लगातार बढ़ रही तकनीक की बराबरी हमारी शिक्षा व्यवस्था नहीं कर पा रही है गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भारतीये छात्र-छात्राएं लगातार विदेश पलायन कर रहे है जिससे देश में उच्च तकनीकी का विकास नहीं हो पा रहा है इन परिस्थतियों में यशपाल कमिटी द्वारा सरकार को दिए गए सुझाव पत्र में से सरकार कुछ सुझावों को लागू करने की बात की है इस सन्दर्भ में सरकार ने शिक्षा पर आधारित 3 बिल संसद में पेश किये थे - 1)विदेशी शिक्षा संस्था(प्रवेश और प्रचालन का विनियमन ),2010 , २) राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा संस्था प्रत्यायन विनियामक प्राधिकरण विधेयक 2010  , 3) तकनीकी शिक्षा संस्थानों, आयुर्विज्ञान शिक्षा संस्थानों एवं विश्वविदयालय में अऋजु व्यवहार प्रतिषेध विधेयक 2010,                           
शिक्षा में सुधार के लिए उठाये गए इन क़दमों की समीक्षा करने के उद्देश्य से छात्र युवा वाहिनी की केंद्रीय संचालन समिति के सदस्यों की 1 दिवसीय बैठक का आयोजन 25  अगस्त 2012 को दिल्ली के गाँधी स्मारक निधि में किया गया | बैठक की शुरुवात में सुशान्त ने विदेशी शिक्षण संस्था विधेयक के उद्देश्य व कारणों को सबके सामने चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जिस पर चर्चा के बाद कुछ बातें उभर कर सामने आईं-
छात्र युवा संघर्ष वाहिनी सैधांतिक रूप से विदेशी शिक्षा संस्थानों या किसी भी प्रकार के अन्तराष्ट्रीय आदान-प्रदान की विरोधी नहीं है परन्तु इस विधेयक को ख़ारिज करने की मांग करती है| यह विधेयक शिक्षा की गुणवत्ता,शोध एवं विकास की गारंटी तो नहीं करता; भूमि लूट,शिक्षा में अंधाधुंध व्यापारीकरण के परिघटना पर रोक का भरोसा भी नहीं देता |    
शिक्षा के सम्बन्ध में किसी भी अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान का स्वरुप इन रूपों में लागू होना चाहिए  -
Ø  अगर बिल की आवश्यकता लगती ही है तो उसे समाज में छात्र-छात्राओं,शिक्षकों,शिक्षाविदों, सीनेट,सिंडिकेट,छात्र संघों में बहस चलाने के बाद प्रभारी समितियों के आधार पर पुनर्लिखित कर संसद में पेश किया जाना चाहिए |
Ø  फीस की सीमा तय की जानी चाहिए व उस पर लगाम लगाने के प्रभावी प्रावधान किये जाने चाहिए |
Ø  गरीबों को 25% आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए |
Ø  शिक्षकों के नियुक्ति की प्रक्रिया व मानक का स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए |
Ø  विदेशी शिक्षण संस्थाओं को 20 साल के अनुभव के बजाये विधेयक में सरकारी शिक्षण संस्थाओं व विश्व रैंकिंग में 200 तक के दर्जे वाले संस्थानों को ही भारत में संस्थान खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए |
विदेशी संस्थाओं को खोज,विकास एवं अनुसंधानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध एवं केंद्रित होने की शर्त पर भारत में संस्थान खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए |

 बैठक में केंद्रीय संचालन समिति के 7 सदस्यों – नितीश आनंद व केशव क्रन्तिकारी [गिरिडीह, झारखण्ड से], वारंग्य वरुण विक्रम [कानपुर,उ.प्र. से], सुशान्त [फैज़ाबाद,उ.प्र. से], कुमार दिलीप [जमशेदपुर,झारखण्ड से], संदीप व दीपक [दिल्ली से] ने तथा आमंत्रित साथियों में विश्वनाथ व रविन्द्र [दिल्ली से] ने प्रतिभाग किया साथ ही छा.यु.स.वा. के सलाहकार समिति के अरविंद अंजुम एवं मंथन भी उपस्थित रहे  |

साथ ही 26 अगस्त 2012 को शिक्षा के बाजारीकरण के खिलाफ एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भविष्य के कार्यकर्मों की चर्चा के लिए एक संगोष्ठी का आयोजन अवार्ड,दिल्ली में हुआ | प्रथम सत्र में शिक्षा में सुधार एवं उसके सरकारी प्रयास विषय पर चर्चा की कई जिसमे सभी ने इस विषय पर अपनी राय प्रस्तुत की | दूसरे सत्र में छात्र युवा संघर्ष वाहिनी द्वारा भविष्य के कार्यकर्मों पर चर्चा हुई जिसमे निम्नलिखित निर्णय लिए गए –
Ø  दिल्ली में शिक्षा के बाजारीकरण के खिलाफ एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए 2 गोष्ठियों -अक्टूबर में एवं नवंबर के प्रथम सप्ताह में किये जाने का निर्णय लिया गया जिसकी ज़िम्मेदारी दीपक,संदीप को दी गई  |
Ø  RTI के माध्यम से निम्न 2 विषयों पर मानव संसाधन विकास मंत्रालाय व विश्वविदालय अनुदान आयोग से सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदन करने का निर्णय लिया गया,जिसकी जिम्मेदारी सुशान्त को दी गई  –
1)      सभी केंद्रीय विश्वविदालयों में इस सत्र में रिक्त अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति की सीटों की संख्या का विवरण |
2)      देश में वर्तमान में स्थापित गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों की संख्या व उनके नाम |
Ø    ‘शिक्षा में सुधार’ विषय पर नुक्कड़ नाटक की पटकथा लेखन की ज़िम्मेदारी केशव व नितीश आनंद को दी गई |
Ø    UGC एवं RTE(Right To Education ) के नियमों की चर्चा करने व उस पर राय बनाने की जिम्मेदारी सभी ने ली |
    
बैठक में कुमार दिलीप, दीपक, केशव, नितीश आनंद, जुम्बिश, पंकज कुमार, संजय, संदीप, मंथन, अरविंद अंजुम, टीकाराम, वारंग्ये वरुण विक्रम एवं सुशान्त ने प्रतिभाग किया |



                                                           सुशान्त
                                                       (संयोजक-छा.यु.सं.वा.)  
                                                         (Email-sushantshankar1991@gmail.com)    

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